शेरिफ़ तुम्हेंं याद करते हुऐ शेरिफ़ तुम्हेंं याद करते हुऐ
टुकड़े टुकड़े कर दो भले जिस्म के हमारे, हर टुकड़े में भारत की तस्वीर दिखाया करते हैं। टुकड़े टुकड़े कर दो भले जिस्म के हमारे, हर टुकड़े में भारत की तस्वीर दिखाया क...
बाल कविता(कक्षा-1) बाल कविता(कक्षा-1)
नए नहीं हैं, हम तो रूह की , गहराई में बसते हैं। नए नहीं हैं, हम तो रूह की , गहराई में बसते हैं।
उर्जा का तुम स्रोत किरणों से जगत को करते ओतप्रोत, नित -नित हम वंदन करते हैं। ह उर्जा का तुम स्रोत किरणों से जगत को करते ओतप्रोत, नित -नित हम वंदन...
दिन-रात सेवा में जुड़े हैं चिकित्सक बिना अपनी परवाह किये ख़ुद संक्रमण में आ रहे हैं,बिना दिन-रात सेवा में जुड़े हैं चिकित्सक बिना अपनी परवाह किये ख़ुद संक्रमण में आ रहे...